रामू का बाग

रामू ने एक बाग लगाया,
पानी दे दे उसे बढ़ाया।
आम और अमरूद रसीले,
चीकू जामुन भी चमकीले।
केले और अंगूर लगाये,
लीची सबका मन ललचाये।
अनार देखकर बंदर आये,
रामू डण्डा उसे दिखाये।।

अजब तमाशा

देखो राजा अजब तमाशा,
बकरी बजा रही है बाजा।
फुदक-फुदक कर मुर्गी गाती,
भेड़ कुतर रही है खाजा।
घोड़ा हिन-हिननाच दिखाता,
सुअर मजे से चने चबाता।
गधा जोर से तान सुनाता,
बैल खेत में दौड़ लगाता।।

अपना घर

 एक चिडिय़ा के बच्चे चार, 
घर से निकले पंख पसार।
पूरब से पश्चिम को जाते,
उत्तर से दक्षिण को जाते।
घूम-घाम कर घर जब आए,
माता को यह वचन सुनाए।
देख लिया हमने जग सारा,
अपना घर है सबसे प्यारा।।

जंगल का राजा

बना शेर जंगल का राजा,
लगा बजाने भालू बाजा।
मिनी लोमड़ी गाना गाती,
हिरनी ढम-ढम ढोल बजाती।
मोर हंस को साथ है लाया,
हाथी जी ने नाच दिखाया।
सभी जानवर मंगल गाते ,
हिल मिलकर सब खुशी मनाते।।

सर्दी

स्वेटर कोट गरम कपड़ों का
मौसम लेकर सर्दी आयी
सुबह सवेरे धुप सुहाती
और रात में गर्म रजाई
आइसक्रीम से डर लगता है
गरम चाय ही भाती है
न...न... करके मुन्नी भागे
मम्मी जब नहलाती है



आलसी बंदर

बैठा था एक डाल पर बंदर
भीग रहा था पानी के अंदर।
थर-थर-थर-थर कॉंप रहा था।
कहॉं छिपूं वह झॉंक रहा था।
चिडिय़ा बोली बंदर मामा
कहा नहीं था तुमने माना।
बना नहीं घर भीग रहे हो,
ऑंछी-ऑंछी छींक रहे हो।
सुन मामा को गुस्सा आया,
चिडिय़ा का घर तोड़ गिराया।
चूँ-चूँ-चूँ-चूँ चिडिय़ा रोई,
बैठ डाल पर वह भी सोई।

मछली का जुकाम

तैर-तैर कर डुबकी मारे,
नहीं करे कोई भी काम।
दिन भर पानी में फिरती है,
मछली को हो गया जुकाम।
अब तो कड़वी दवा पियेगी,
तब जाकर होगा आराम।

रंग बिरंगे गुब्बारे

रंग बिरंगे प्यारे-प्यारे
ले लो ये रंगीन गुब्बारे
लाल हरे और पीले ले लो
नीले और चमकीले ले लो
गोल गोल हैं मोटे-मोटे
लंबे लंबे, छोटे-छोटे,
सुंदर ले लो सस्ते ले लो
इन्हें उछालो, इनसे खेलो,
रंग बिरंगे प्यारे-प्यारे
ले लो ये रंगीन गुब्बारे।

सेहत की बात


भिंडी, सरसों, पालक, मेथी,
ताकत खूब बढ़ाते हैं।
गाजर, धनिया, मटर, टमाटर,
सुंदर हमें बनाते हैं।
मोटे-2 आलू राजा,
सेहत खूब बनाते हैं।
सभी सब्जियां जो भी खाते,
बुद्धिमान हो जाते हैं।

गुडिय़ा रानी


डॉक्टर देखो भली प्रकार,
मेरी गुडिय़ा पड़ी बीमार,
कल बरसा था रिमझिम पानी,
उसमें भीगी गुडिय़ा रानी,
गीले कपड़े दिए उतार,
फिर भी आया तेज बुखार,
डॉक्टर दे दो दो-2 पुडिय़ा,
ले जाऊं मैं अपनी गुडिय़ा,
जब तक उतरे नहीं बुखार,
तब तक पैसे रहे उधार।

चुहिया जी ने चश्मा पहना


चुहिया जी ने चश्मा पहना,
समझा उसे अंखियों का गहना !
ऊंचा-नीचा दिया दिखाई ,
बीच सड़क में ठोकर खाई !
धाम से गिरी घुटना भी टूटा,
बीच सड़क में चश्मा टूटा !!

मेरा परिचय

हम हैं छोटे-छोटे बालक,
दीखते हैं नादान !
लेकिन हममें ताकत इतनी,
हम नन्हें बलवान !!
देश पे जब भी संकट आये,
लड़ते सीना तान !
सदा बड़ों का आदर करते,
हम हैं देश की शान !!

एक छोटी कश्ती


एक छोटी कश्ती मेरे पास,
नयी बनवाई , नीली रंगवाई !
और पानी में उसको तैराई !!
एक मेढक बैठा पानी में,
उसने देखा, मुझको घूरा !
और कूदा मेरी कश्ती में !!
कश्ती मेरी डगमगाई
और डूब गयी वोह पानी में !!